प्रदेश में ‘उत्तराखण्ड बचाओ देव याचना’’ यात्रा शुरु की जाएगीः मंत्री प्रसाद नैथानी 
देहरादून। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व काबिना मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान केन्द्र की मोदी सरकार तथा उत्तराखण्ड की त्रिवेन्द्र सरकार ने विगत तीन वर्षो में उत्तराखण्ड के साथ जो छलावा एवं जनविरोधी कानून बनाकर जनता पर थोप रही है इसके परिणामस्वरूप उत्तराखण्ड का जनमानस आज लोकसभा एवं विधानसभा में प्रचण्ड बहुमत देकर सत्ता में काबिज करवाने पर अपने आपको ठगा महसूस कर रही हैं। ऐसी स्थिति में कांग्रेस पार्टी जनता के कष्टों को दूर करने के लिए जन आन्दोलनों के लिए जनता के साथ खड़ी है। राज्य की त्रिवेन्द्र सरकार एवं केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ उत्तराखण्ड से 15 दिवसीय ‘उत्तराखण्ड बचाओ देव याचना’’ यात्रा शुरु की जाएगी। 


कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री नैथाणी ने कहा कि वर्ष 2017 से आज तक राज्य की त्रिवेन्द्र सरकार तथा केन्द्र की मोदी सरकार ने उत्तराखण्ड विरोधी व जन विरोधी फैसल लिये हैं उनके खिलाफ कांग्रेस पार्टी 2017 से लगातार आन्दोलनरत है। किन्तु सत्ता के मद में अंधी हो चुकी केन्द्र तथा राज्य की भाजपा सरकारें जनसमस्याओं के समाधान के बजाय जन आन्दोलनों को कुचलने का काम कर रही है। आज उत्तराखण्ड में महिलाएं सुरक्षित नहंी हैं। किसान एवं व्यापारी आत्महत्या कर रहे हैं। बेरोजगारों का दमन बर्बरता से हो रहा है। सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों को मनवा नहीं सकते। ऐसी परिस्थिति को देखते हुए चूंकि उत्तराखण्ड देवभूमि मानी जाती है तथा जब इंसान दमनकारी नीति अपनाता है तो उत्तराखण्ड में हर जनपद में ऐसे स्थान हैं जहां पर न्याय मांगने लोग जाते हैं। इसी कडी में कांग्रेस की उत्तराखण्ड की त्रिवेन्द्र सरकार एवं केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ उत्तराखण्ड से 15 दिवसीय ‘उत्तराखण्ड बचाओ देव याचना’’ यात्रा 15 फरवरी से 28 फरवरी तक प्रारम्भ होने जा रही है। जिन समस्याओं समाधान के लिए यात्रा निकाली जा रही है उनमें राज्य में लागू भू अध्यादेश संशोधन विधेयक 2019, देवस्थानम श्राइन बोर्ड विधेयक, एन.सी.सी. प्रशिक्षण अकादमी श्रीकोट माल्डा टिहरी गढ़वाल से स्थानान्तरित किए जाने, गैरसैण में भूमि क्रय भू संशोधन कानून, टी.एच.डी.सी. का एन.टी.पी.सी. को हस्तान्तरण, विभिन्न जनपदों में जिला प्राधिकरणों के गठन, गन्ना किसानों के बकाया भुगतान न किये जाने, मेडिकल काॅलेजों में फीस वृद्धि, निवर्तमान कांग्रेस की हरीश रावत सरकार में स्वीकृत लोक कल्याणकारी योजनाओं को बंद किये जाने, आंगनबाडी कार्यकत्रियों, आशा कार्यकत्रियों के दमन किए जाने, शिक्षा प्रेरकों, गेस्ट टीचरांे तथा 108 सेवा कर्मियों को नौकरी से निकाले जाने, बिजली एवं पेयजल के करों में की गई वृद्धि, विभिन्न विभागों के निर्माण कार्यों में पारदर्शिता निविदा प्रक्रिया के खुले आम उलंघन और लचर चिकित्सा व्यवस्था, प्रदेशभर के विभिन्न आईटीआई प्रशिक्षण संस्थानों को बन्द करने, शिक्षा विभाग के कई स्कूलों को बन्द करने, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रांे की छात्रवृत्ति में कटौती व समय पर भुगतान न करने, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत पब्लिक स्कूलों में भर्ती कोटे में 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने, मलिन बस्तियों के नियमितीकरण न करने, आॅल वेदर रोड़ से पीडित परिवारों के विस्थापन एवं मुआबजा भुगतान न किये जाने, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना से पीडित कास्तकारों के उचित मुआबजा भुगतान एवं रोजगार न दिये जाने, दुर्घटनाग्रस्त मृतकों के परिवारों एवं घायलों को समान मुआबजा न मिलने, औद्योगिक इकाइयों के बन्द होने से बेरोजगार श्रमिकों को इंसाफ न मिलने आदि शामिल हैं।